ग़ज़ल(अपने दिल की दास्ताँ )
मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों
मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है .
किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे
जीने का नजरिया फिर उसका बदल जाता है ..
चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है
तन्हाई के आलम में ये अक्सर बदल जाता है ...
किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
जरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है ....
दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
किसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है .....
क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ
जितना दर्द मिलता है ये उतना संभल जाता है ......
ग़ज़ल प्रस्तुति :
मदन मोहन सक्सेना
अंतिम दोनों बहुत ही अच्छे-
जवाब देंहटाएंबधाईयाँ -
वाह क्या बात! बहुत बेहतरीन! हर शेर लाजवाब!
जवाब देंहटाएंsunder prastuti
जवाब देंहटाएंवाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंदिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
जवाब देंहटाएंकिसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है .....
हकीकत ब्यान कर दी अक्सर ऐसा ही होता है माशूकाएं ऊंची परवाज़ भरतीं हैं .लक्ष्य ऊंचे लिए रहतीं हैं .
दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
जवाब देंहटाएंकिसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है .....
हकीकत ब्यान कर दी अक्सर ऐसा ही होता है माशूकाएं ऊंची परवाज़ भरतीं हैं .लक्ष्य ऊंचे लिए रहतीं हैं .
bahut hi sundar prastuti,lazvab*********************************************************************** चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है
जवाब देंहटाएंतन्हाई के आलम में ये अक्सर बदल जाता है ...
किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
जरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है ....
दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
किसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है .....
किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
जवाब देंहटाएंजरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है ....
लाजवाब अभिव्यक्ति......महाशिवरात्रि की शुभकामनायें....
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे
जवाब देंहटाएंजीने का नजरिया फिर उसका बदल जाता है ..
सच कहा है ... जीने का नज़रिया बदल जाता है ... अब दूसरों का दर्द अपना लगने लगे ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया गजल कही है भाई साहब आपने- कई शैर काबिले दाद निकले,कुछ लोग हमसे फिर भी बचके
मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों
मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है .
किसको दोस्त माने, (हम) और किसको गैर कह दें( हम )
जरुरत पर सभी का (जब) हुलिया बदल जाता है ....
देखिये हम हटाके सौंदर्य बढ़ जाता है शैर का ,वजन भी .
जितना दर्द मिलता है ये उतना संभल जाता है ......
जवाब देंहटाएंकिसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
जवाब देंहटाएंजरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है ....
बेहतरीन रचना
चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है
जवाब देंहटाएंतन्हाई के आलम में ये अक्सर बदल जाता है ...
...वाह! बहुत खूब...
उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
जवाब देंहटाएंBehtreen Gazal..... Waah
जवाब देंहटाएंdil aur dimaag ke beech ka antardwand ka bakhubi chitran kiya hai aapne aur mauka parasti ka udaharan, khoobsurat gazal ke roop me !!
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंbahut khoob :)
जवाब देंहटाएंमदन जी - आपके सभी ब्लॉग बहुत ही सुन्दर है , आपकी गज़लों में दिव्य काव्यात्मक सुन्दरता है .
जवाब देंहटाएंलिखते रहिये ..हमारे लिए
vishvnath
बहुत सुन्दर .........
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रासंगिक अप डेट .संगत का असर भोगना पड़ता है लायक माँ बाप का बेटा संजय दत्त सोहबत की कीमत चुका रहा है .
जवाब देंहटाएंthe comment box did not open on that post so posted here.
जवाब देंहटाएंमिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों
मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है .
वाह बहुत खूब लिखा है !हर अश आर अपना वजन और रंग लिए है .
दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
जवाब देंहटाएंकिसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है
क्या बात है , बहुत सुन्दर KAVYA SUDHA (काव्य सुधा):
waah ...bahut badhiya...
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंकिसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे
जवाब देंहटाएंजीने का नजरिया फिर उसका बदल जाता है ..
...वाह! बेहतरीन ग़ज़ल..
बेहतरीन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंकिसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम
जवाब देंहटाएंजरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है ....
bahut sunder ghazal.
दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को
जवाब देंहटाएंकिसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है .....
क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ
जितना दर्द मिलता है ये उतना संभल जाता है ......
बहुत सुंदर गजल ..
क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ
जवाब देंहटाएंजितना दर्द मिलता है ये उतना संभल जाता है ......
bahut sundar