खुदा का नाम लेने में तो मुझ से देर हो जाती
खुदा के नाम से पहले हम उनका नाम लेते हैं
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दो
पाया है सदा उनको खुदा के रूप में दिल में
पाया है सदा उनको खुदा के रूप में दिल में
उनकी बंदगी कर के खुदा को पूज लेते हैं
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तीन
न मँदिर में न मस्जिद में न गिरजा में हम जाते हैं
जब नजरें चार उनसे हो ,खुदा के दर्श पाते हैं
मेरे तीन शेर
मदन मोहन सक्सेना
मेरे तीन शेर
मदन मोहन सक्सेना
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