ग़ज़ल (ये कल की बात है)
उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है
कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है
जब से मिली नज़र तो चलता नहीं है बस
मुझे दिल पर अख्तियार था ये कल की बात है
अब फूल भी खिलने लगा है निगाहों में
काँटों से मुझको प्यार था ये कल की बात है
अब जिनकी बेबफ़ाई के चर्चे हैं हर तरफ
बह पहले बफादार था ये कल की बात है
जिसने लगायी आग मेरे घर में आकर के
बह शख्श मेरा यार था ये कल की बात है
तन्हाईयों का गम ,जो मुझे दे दिया उन्होनें
बह मेरा गम बेशुमार था ये कल की बात है
ग़ज़ल प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना
वाह लाजवाब गजल, हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत ही सुन्दर गजल
जवाब देंहटाएंबेहतरीन, आभार !
राखी की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकल की बात कल होगी ....
खुबसूरत ग़ज़ल …… मन का दर्द बहुत सरलता से कहते ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंखुबसूरत ग़ज़ल …… मन का दर्द बहुत सरलता से कहते ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंवो कल तो मेरे दोस्त थे ,अब पीठ हर तरफ
जवाब देंहटाएंवह पहले मेरे साथ थे ,ये कल की बात है।
अब फूल भी खिलने लगा है निगाहों में
जवाब देंहटाएंकाँटों से मुझको प्यार था ये कल की बात है
अब जिनकी बेबफ़ाई के चर्चे हैं हर तरफ
बह पहले बफादार थे ये कल की बात है
बहुत सुन्दर.
http://yunhiikabhi.blogspot.com
http://dehatrkj.blogspot.com
मतला और शे'र ४ में क़ाफ़िया एक बार check कर लें
जवाब देंहटाएंकहीं कहीं बहर खारिज़ हो रही है
ख़याल उम्दा है
Anand pathak
अब जिनकी बेबफ़ाई के चर्चे हैं हर तरफ
जवाब देंहटाएंबह पहले बफादार थे ये कल की बात है
bahut khoob likha hai saxena ji apne ......lajbab gajal pr hardik badhai .
यह वेलकम ग़ज़ल पढ़ने नहीं देता। इसे हटाइये या कहीं कोने में बिठाइये।
जवाब देंहटाएंशे'र नं४ में
जवाब देंहटाएं" वफादार था"---होना चाहिए
लाजवाब
जवाब देंहटाएंजब से मिली नज़र तो चलता नहीं है बस
जवाब देंहटाएंमुझे दिल पर अख्तियार था ये कल की बात है ..
वाह .. लाजवाब ... प्रेम में ऐसा होना स्वाभाविक है ...
अब फूल भी खिलने लगा है निगाहों में
जवाब देंहटाएंकाँटों से मुझको प्यार था ये कल की बात है ..
प्रेम है तो फूल स्वतः ही खिलने लगे हैं ... काटें भी फूल लगते हैं ...