किसकी बातें सच्ची जानें
अब समाचार ब्यापार हो गए
पैसा जब से हाथ से फिसला
दूर नाते रिश्ते दार हो गए
डिजिटल डिजिटल सुना है जबसे
अपने हाथ पैर बेकार हो गए
रुपया पैसा बैंक तिजोरी
आज जीने के आधार हो गए
प्रेम ,अहिंसा ,सत्य , अपरिग्रह
बापू क्यों लाचार हो गए
सीधा सच्चा मुश्किल में अब
कपटी रुतबेदार हो गए
ग़ज़ल (अब समाचार ब्यापार हो गए )
मदन मोहन सक्सेना
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सीधा सच्चा मुश्किल में अब
जवाब देंहटाएंकपटी रुतबेदार हो गए
सत्य सुनने ,समझने एवं बोलने के लिए साहस की जरुरत है पर इस भौतिकतावादी समाज में सच्चे लोगों का मिलना बहुत मुश्किल है. आपने यह भाव बहुत उम्दा तरीके से व्यक्त किया है।
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