दिल से दिल मिलाने की ,जुर्रत जो किया होगा
तन्हाई में जीना तो उसका मौत से बद्तर
किसी के साथ ख्बाबों में ,जो इक पल भी जिया होगा
दुनिया में न जाने क्यों ,पी -पी कर के जीते है
बही समझेगा मय पीना, जो नजरो से पिया होगा
दर्दे दिल को दीवाने क्यों सीने से लगाते है
मुहब्बत में किसी ने ,शायद उसको दे दिया होगा..
ग़ज़ल:
मदन मोहन सक्सेना
जवाब देंहटाएंकल 08/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
हलचल में हमारी पोस्ट शामिल करने का बहुत आभार , धन्यवाद!
हटाएंप्रभावित करती सी अभिव्यक्ति ......
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शेर
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